Sakera Tunvar
Inspirational
या खुदा थोड़ी सी रहमत बख्श दो,
थोड़ा सा राम थोडा सा रहीम बना दो,
किसी को हिन्दु, किसी को मुसलमान,
किसी को सिख या ईसाइ बना दो
लेकिन तोड़ इस मजहब की दीवार को,
उन्हें भाई भाई बना दो।
तु कुछ अजनबी...
मेरे बाबा, जा...
खुदा का कोई ज...
जादु या कोई क...
डरावना मंजर
रियल हिरो - क...
यारियाँ
यह मौसम
मेरा देश
महोत्सव...
नहीं घबरा के तुम हटना ये मंज़िल मिल ही जाएगी। नहीं घबरा के तुम हटना ये मंज़िल मिल ही जाएगी।
मुश्किलें आती है जग में तू हर बाधा हो हर कठिन राह में भी तू खोज ले अपनी डगर। मुश्किलें आती है जग में तू हर बाधा हो हर कठिन राह में भी तू खोज ले अपनी डगर।
अपने मन के भाव व्यक्त करने के लिए; किसी शख्स का होना जरूरी तो नहीं। अपने मन के भाव व्यक्त करने के लिए; किसी शख्स का होना जरूरी तो नहीं।
संस्कार की सजाई पोशाक को पहनकर हमें, सद्गुणों को अपनाकर कल्याणकारी कार्य कर, संस्कार की सजाई पोशाक को पहनकर हमें, सद्गुणों को अपनाकर कल्याणकारी कार्य कर,
कथा है सोलह सौ सत्तर की, मुगलों को दिए गए प्रति उत्तर की। कथा है सोलह सौ सत्तर की, मुगलों को दिए गए प्रति उत्तर की।
वो जो जले दीप कोशिशों का तो सफल है दीपावली वो जो जले दीप कोशिशों का तो सफल है दीपावली
अजनबी सी कभी लगती है, कभी तू अपनी सी लगती है। अजनबी सी कभी लगती है, कभी तू अपनी सी लगती है।
चाहते तेरी तो कुछ और थी, फिर तू चली किस ओर है चाहते तेरी तो कुछ और थी, फिर तू चली किस ओर है
जब भी पढ़ा इतिहास उठाकर, बात हुई साम्राज्य की। जब भी पढ़ा इतिहास उठाकर, बात हुई साम्राज्य की।
हमें सदा सफल साधना सुखकारी हो । हर संकट पे करें सामना सुखकारी हो। हमें सदा सफल साधना सुखकारी हो । हर संकट पे करें सामना सुखकारी हो।
हम सभी इंसानों में एक सुपर पावर है बस हमें उस शक्ति को ध्यान के द्वारा जागृत करना है। हम सभी इंसानों में एक सुपर पावर है बस हमें उस शक्ति को ध्यान के द्वारा जागृत...
सच को हक नहीं, कि बोले वो और झूठ खूब चिल्लाएगा। सच को हक नहीं, कि बोले वो और झूठ खूब चिल्लाएगा।
सफलता का पैमाना दुनिया ने बनाया, उच्च पद आसीन और ढेरों पैसा कमाया। सफलता का पैमाना दुनिया ने बनाया, उच्च पद आसीन और ढेरों पैसा कमाया।
मोड़ दे नियति प्रकृति की और बन जा बादल मोड़ दे नियति प्रकृति की और बन जा बादल
माना कि काली रात बहुत लंबी हो गई मैं तो अंधेरे में जानें कितनी बार गिरा। माना कि काली रात बहुत लंबी हो गई मैं तो अंधेरे में जानें कितनी बार गिरा।
ख़ुशी है चचंल, चुलबुली ,मदमस्त ख़ूबसूरत इतनी कि चाहे हर कोई. ख़ुशी है चचंल, चुलबुली ,मदमस्त ख़ूबसूरत इतनी कि चाहे हर कोई.
साम्राज्य को लेकर झगड़े होते स्वामित्व का मिथ्या दावा होता। साम्राज्य को लेकर झगड़े होते स्वामित्व का मिथ्या दावा होता।
सुपर पावर तो हम गृहणियों में भी है। सुपर पावर तो हम गृहणियों में भी है।
माना पैसा है बहुत कुछ पर, पैसा न मनमीत। माना पैसा है बहुत कुछ पर, पैसा न मनमीत।
अलौकिक शक्ति मुझ में भी हो यह है कामना, हर बाधा कर सकूं सुगमता से मैं तब सामना। अलौकिक शक्ति मुझ में भी हो यह है कामना, हर बाधा कर सकूं सुगमता से मैं तब सामन...