तो मैं क्या करूँ
तो मैं क्या करूँ
तेरी याद आती है।।
तो मैं क्या करूँ।।
तेरी बात होती है ।।
तो मैं क्या करूँ।।
तुझे देखना तो है।।
लेकिन देख भी नहीं पाता।।
तू नजर न आए।।
तो मैं क्या करूँ।।
प्यार करूँ या ना करूँ।।
करूँ तो ठीक है।।
अगर न करूँ।।
तो मैं क्या करूँ।।
इतना आसान भी नहीं।।
तेरे बगैर जीना।।
तू न मिली ।।
तो मैं क्या करूँ।।