तो मैं बदतमीज हूँ!
तो मैं बदतमीज हूँ!


तुम सब कह जाते हो
मैं सब सुन जाती हूं
मैं कुछ कह जाऊं तो
मैं बदतमीज बन जाती हूं
मैं उनकी सुन लेती हूं
वो सिर्फ सुनाते जाते हैं
मैं अपने मन की कर जाऊं
तो मैं बदतमीज हूं
तुम मुझे हर मोड़ पर आजमाओ
मैं हर बार झुक जाऊं पर
मैं कभी एतराज जताऊं
तो मैं बदतमीज हूं
तुम खुद को सही कह सकते हो
मैं खुद को साबित करना चाहूँ
तुम्हें सही गलत का फर्क बताऊँ
तो मैं बदतमीज हूँ
कभी तुम्हें इज्जत का हकदार बताऊं
पर मैं भी इज्जत पाना चाहूँ, अगर
मैं छोटी होकर बड़ी बनना चाहूँ
तो मैं बदतमीज हूँ