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Shakti Kumar

Romance

5.0  

Shakti Kumar

Romance

तो बता

तो बता

1 min
348


गर डूब जाऊं किसी दिन तेरे इश्क के बुखार में,

तो बता क्या मेरे लिए पेरासिटामोल बन जाएगी तू।


गर रुक जाए किसी दिन तेरे इश्क में डूबे इस दिल की गाड़ी,

तो बता क्या इस गाड़ी में अपने इश्क का पेट्रोल भरेगी तू।


गर बन जाऊं किसी दिन पागल आवारा आशिक तेरे प्यार में,

तो बता क्या अपनेपन के एहसास से इस पागलपन को मिटाएगी तू।


गर फंस जाए किसी दिन मेरी नौका बीच मझधार में,

तो बता क्या साहिल तक साथ चलने का साहस कर पाएगी तू।


गर हो जाऊं बदनाम किसी दिन शाहजहां के नाम से इस जहां में,

तो बता क्या मुमताज बनकर मुझे गले लगाएगी तू।


गर हो जाऊं प्यासा किसी दिन तेरे इश्क की मधुशाला में,

तो बता क्या अपने लबों का मीठा जाम पिलाएगी तू।


गर हो जाए किसी दिन गलती तुझे भूल जाने की,

तो बता क्या गलती से मेरी यादों में आएगी तू।


गर हो जाए किसी दिन जीवन लीला का अंत तेरी चाह में,

तो बता क्या मेरे जनाजे पर फूल चढ़ाने आएगी तू।


अगर मिल जाए इंसानी जीवन किसी जन्म में फिर से,

तो बता क्या फिर से ऐसे ही तड़पाने आएगी तू।


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