तो बात बन जाए
तो बात बन जाए
मैं सुबह उठते तुझे याद करूँ
फिर मिलने की ही बात करूँ
हम मिले तो दिन बन जाए
जब प्यार के नगमें हम गाएं
ना मिलूँ तो भी साथ हैं तू
जो करना चाहूँ वो बात है तू
तू बात कह जो मैं सुनना चाहूँ
तू ना कह सके वो भी सुनती जाऊँ
एक बात कहूँ तू याद रख
हर जज्बात में मुझको साथ रख
मेरा ना होना तुझको खल जाए
साथ है तो सब यूँ ही टल जाए
बातों ही बातों में सब कहना है
तू रहे जहाँ वही रहना है
डर है कहीं बात अनकही ना रह जाए
बात अगर बनतीं है तो बन जाए

