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अजय एहसास

Romance

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अजय एहसास

Romance

तन्हाईयाँ

तन्हाईयाँ

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चाहूं मैं तुम साथ हो, जब पास हो तन्हाईयाँ

कोई भी न साथ दे तब साथ हो तन्हाईयाँ

मेरी हस्ती देख करके सब विषैले हो गये

हम जहां पहुंचे वहां कितने झमेले हो गये

दुनिया के मेले में देखो हम अकेले हो गये

पल में ही मिट जाती चाहें कितनी हो अच्छाइयाँ

चाहूं मैं तुम साथ हो, जब पास हो तन्हाईयाँ ।


जिनकी नज़रों में मिलाकर नज़रें दिल तक आ गये

आसमानों सा दिलो दिमाग पर भी छा गये

ख़ूबियाँ तो कुछ न थी मालूम कैसे भा गये

मोड़ते अब नज़रें मेरी देखकर परछाइयाँ

चाहूं मैं तुम साथ हो, जब पास हो तन्हाईयाँ ।


कल तलक जो साथ रहते अब न करते बात है

जब गमों का दौर आये कोई न दे साथ है

मेरे स

पने तोड़ने में पहला उनका हाथ है

ख्वाबों को यूं भूलकर अब देख लो सच्चाइयाँ

चाहूं मैं तुम साथ हो, जब पास हो तन्हाईयाँ ।


सुबह से कब शाम हो जब होते थे बातों के पल

रात की वीरानियों में सोचते यादों के पल

हाथ में जो हाथ ले करते थे वो वादों के पल

थे भरे पूरे चहकते आज है वीरानियाँ

चाहूं मैं तुम साथ हो, जब पास हो तन्हाईयाँ ।


रीति ये दुनिया की है मिलना बिछुड़ना जीना मरना

क्या हुआ जो जीवन साथी का हुआ दुनिया से चलना

सब ख़ुदा करता है तेरे वश में न है कुछ भी करना

सोचूं अब 'एहसास' कैसी कर रहा नादानियाँ

चाहूं मैं तुम साथ हो, जब पास हो तन्हाईयाँ ।


   


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