सुरूर छा गया
सुरूर छा गया
सुरूर छा गया देख कर तेरी अंमबरी आंखे
समर ए जाम से लबरेज़ तेरी नशातरी आंखे
हाय यह अदा ए हूर सा चलना तेरा
आह मुं ए सियाह चेहरे से हटाना तेरा
रूबरू ए सनम जबां गुम है हसन
है अंजुमन ओ मेहताब ठिकाना तेरा
सुरूर छा गया देख कर तेरी अंमबरी आंखे
समर ए जाम से लबरेज़ तेरी नशातरी आंखे
एक नगमा ए इश्क सुना रही है नसीम
मस्त उड़ रही है हर सु गुल ए शमीम
निगाह ए शौक़ कहूं या कहूं कोई करिश्मा
मिला है जेसे मुझे कोई मह ए क़सिम
सुरूर छा गया देख कर तेरी अंमबरी आंखे
समर ए जाम से लबरेज़ तेरी नशातरी आंखे
कोई तलअत रू है रूबरू
महलका ए खूबा ओ रू
सिमतन सिमबर तन बदन
सियाह घटा है सियाह मुं।
सुरूर छा गया देख कर तेरी अंमबरी आंखे
समर ए जाम से लबरेज़ तेरी नशातरी आंखे ।
नशातरी ( नशा चढ़ाने वाली )
तलअत रू ( सूरज सा चमकादर चेहरा )
महलका ए खूबा ( चांद सा चमकदार चेहरा )
सिमतन ( चांदी सी चमक )
सिमबर ( चांदी का टुकड़ा )
सियाह मुं ( काली जुल्फ )
नसीम ( खुशबूदार हवा )
गुल ए शमीम ( फूलो की खुशबू )
मह ए कसीम ( चांद सा खूबसूरत )

