सिर्फ़ तुम
सिर्फ़ तुम
1 min
357
आदत कहो या नशा
ज़रूरत कहो या लत
ज़िद कहो या जुनून
चाहत कहो या लालच
तुमपे ही आ के ठहरता...
ख़्वाब कहो या वहम
ख़्वाहिश कहो या आस
उम्मीद कहो या इंतज़ार
हौसला कहो या बगावत
तुमसे शुरू तुमपे ही ठहरता...
दर्द कहो या मर्ज
दवा कहो या तसल्ली
याद कहो या वक्त
दोस्त कहो या दिल्लगी
तुमपे ही तो ठहरता...
नज़्म कहो या अल्फाज़
जश्न कहो या शोर
मौसम कहो या तूफ़ान
साज़ कहो या हश्र
तुम्ही पे आ के ठहरता...
मोहब्बत कहो या दीवानगी
इश्क़ कहो या गुनाह
साँस कहो या धड़कन
जिंदगी कहो या फिर मौत
सब कुछ तुमपे ही ठहरता...