तमन्ना
तमन्ना
तमन्ना थी जिन राहों में तेरे साथ चलने की,
उन राहों से तन्हा गुज़र आए हम,
देखा था हमने जिस सपने को मिलकर,
सपनों से बहुत दूर निकल आए हम,
अंजान हो गए उन राहों से,
जिन राहों से रोज़ गुज़रते थे,
भूल गए वो वादे सारे,
जिन वादों पर सज़दा करते थे,
खाई थी जो कसमें तेरे साथ जीवन की,
उन कसमों को आज तोड़ आए हम,
देखा था हमने जिस सपने को मिलकर,
सपनों से बहुत दूर निकल आए हम,
बेवफ़ाईना तुमने की,
ना ही मैंने कभी तुम्हें धोखा दिया,
शायद किस्मत ने ही,
हमारे जीवन का ये फैसला किया,
रह ना सकते थे एक पल भी तुम्हारे बिना हम,
बिन तुम्हारे जीना सीख आए हम,
देखा था हमने जिस सपने को मिलकर,
सपनों से बहुत दूर निकल आए हम।