मैं टूटे दिलों की मुस्कान हूँ
मैं टूटे दिलों की मुस्कान हूँ
कैसे कह दूं कि थक गयी हूँ,
कितने राहगीरों के चलने का हौसला हूँ मैं,
कैसे कह दूं कि टूट रही हूँ,
कितने मोतियों को माला में पिरोने का भरोसा हूँ मैं,
कैसे कह दूं कि लड़ ना सकूंगी परिस्थितियों से अब,
तूफ़ान में फंसी नौका को मिला किनारा हूँ मैं,
कैसे कह दूं कि प्यार कर नहीं सकती अब,
माँ से बिछड़े पंछी के प्यार का घरौंदा हूँ मैं,
कैसे कह दूं कि तक़लीफ़ मुझे भी है कुछ,
नम आँखों के लिए मुस्कुराने का तरीका हूँ मैं,
गिर नहीं सकती टूट नहीं सकती राह की मुश्किलों से,
रोते सुबकते जीवन को हंसाने का सलीका हूँ मैं।