तिश्नगी हो तुम
तिश्नगी हो तुम
जिंदगी की तिश्नगी हो तुम,
सिर्फ मेरी जिंदगी हो तुम।।
इश्क़ हो मेरी इबादत भी,
हो खुदा बेचारगी हो तुम।।
ये मुहब्बत एक नशा भी है ,
बारहम आवारगी हो तुम।।
फूल शबनम हमनफस मेरे,
हर फिज़ा की ताज़गी हो तुम।।
बह रही जो रक्त रग रग में,
प्रेम की एक बानगी हो तुम।।
चांदनी बनकर मिली जैसे,
चाॅंद मेरी हमनशीं हो तुम।।
ऑंख से तुमने पिलाया जो,
यूं लगा जो मयकशी हो तुम।।
कर गई घायल 'विशू' ऐसे,
सिरफिरा कातिल अदा हो तुम।।