तेरी महफूज पनाहों की दिलकशी की कसम, दम निकल जाए यूँ ही और न कुछ चाहूँ मैं। तेरी महफूज पनाहों की दिलकशी की कसम, दम निकल जाए यूँ ही और न कुछ चाहूँ मैं।
तिश्नगी को हवा न दो उबल रही है मस्ती शोलो सी दो लरजते सीने में..! हथेलियों से थामकर उर तिश्नगी को हवा न दो उबल रही है मस्ती शोलो सी दो लरजते सीने में..! हथेलियों से...
ऐ जिन्दगी तुझसे .......क्या गिला करूं, उलझनों में उलझी है क्या अदा करूं। ऐ जिन्दगी तुझसे .......क्या गिला करूं, उलझनों में उलझी है क्या अदा करूं।
तुम अपनी कहना हम सुनेंगे तुमको, बेगानो से सिलसिलों ने दर्द नहीं दिया मुझको। तुम अपनी कहना हम सुनेंगे तुमको, बेगानो से सिलसिलों ने दर्द नहीं दिया मुझको।
क्या कहें ? कि अब तो सारे लफ्ज़ धुंधले पड़ गए हैं! क्या कहें ? कि अब तो सारे लफ्ज़ धुंधले पड़ गए हैं!
तुम भिक्षुक से थे मैं दाता सी लगती थी तुम्हें, कितने मनुहार पर पाया मुझे.. तुम भिक्षुक से थे मैं दाता सी लगती थी तुम्हें, कितने मनुहार पर पाया मुझे..