वो कोई और नहीं.... उस दुनिया से मुझे मेरे " पापा " दिखाई देते हैं! वो कोई और नहीं.... उस दुनिया से मुझे मेरे " पापा " दिखाई देते हैं!
क्या कहें ? कि अब तो सारे लफ्ज़ धुंधले पड़ गए हैं! क्या कहें ? कि अब तो सारे लफ्ज़ धुंधले पड़ गए हैं!
क्या कहें ? कि अब तो, सारे लफ्ज़, धुंधले पड़ गए हैं! क्या कहें ? कि अब तो, सारे लफ्ज़, धुंधले पड़ गए हैं!
'वफ़ा खूब निभाते रहे, साज़िशे यूँ हो रही थी, कुसूर सिर्फ इतना, ख्वाहिशें बेहद हो रही थी।' एक दर्दभरी... 'वफ़ा खूब निभाते रहे, साज़िशे यूँ हो रही थी, कुसूर सिर्फ इतना, ख्वाहिशें बेहद हो...
वो आयेंगे कभी ये सोच कर दबी दबी सी खुशी आती है वो आयेंगे कभी ये सोच कर दबी दबी सी खुशी आती है
जैसे कोई वर्षों पुराना बोझ उतार दिया हो उसने अपने सर से जैसे कोई वर्षों पुराना बोझ उतार दिया हो उसने अपने सर से