"थकना नहीं वीर तुम्हें "।
"थकना नहीं वीर तुम्हें "।
राहें हों कांटे भरी, पग पग हो जंजाल।
थकना नहीं वीर तुम्हें, चलना है हर हाल।
चलना है हर हाल, बवंडर शोर मचाएं।
बर्फ व शोले पड़े, कदम नहीं डगमगाएं।
कह "जय" रहो मुस्तैद, विजय गूंज उठे वाहे।
काम करें सब नेक, जहां चाह वहां राहें।