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बेज़ुबानशायर 143

Abstract Romance Action

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बेज़ुबानशायर 143

Abstract Romance Action

प्यार मे तेरे

प्यार मे तेरे

2 mins
321

प्यार में तेरे बनने लगी हूं  

गिरने लगी हूं संभलने लगी हूं  

तुझे पाना क्या खुद को खोना है 

चाहत में तेरी मैं दुनिया भुलाने लगीं हूं 


ऐ जाना बता ये कैसी उलझन है 

तेरे रंग में मैं रंगने लगी हूं 

तेरा होना ही तो मेरा होना है 

कैसी ये बेखुदी है 


कैसी ये बेखुदी है 

तेरे यू थाम हाथ चलने लगीं हूं 

मंजिल को जैसे पाने लगी हूं

प्यार में तेरे बनने लगी हूं  

गिरने लगी हूं संभलने लगी हूं  


तेरी आंखों में दिखता है 

मोहब्बत है तुझे भी तो मुझसे 

इजहार में तुझसे भी मोहब्बत का करने लगी हूं  

 तुझको पाना खुद को पाना है 


दूर न जाना खफा न होना 

तुझसे जुदाई हो मैं सोच कर भी डरने लगी हूं  

मोहब्बत का जाने कैसा ये असर है 

रातों को तेरे ख्वाब में सजाने लगी हूं  


सवेरे में मैं बस तुझे ही गुनगुनाने लगी हूं  

थोड़ा थोड़ा हँसने लगी हूं कतरा आंखों से मैं बहाने लगी हूं 

मिल के तुझसे मन भरता नहीं है 

आ मैं छुपा लूँ तुझे जमाने से मैं चुरा लूँ 


मोहब्बत में तेरे बनने लगी हूं

 संभलने लगी हूं  

दिल की बाते सुन लूँ मैं तेरी 

तू सुन ले हाल है दिल का जो मेरा 


पल दो पल जिंदगी है जो ये 

जिंदगी में तुझको अपनी बनाने लगी हूं  

सांस में तू समाया है मुझमें 

अब न कुछ मेरा है 


न कुछ मेरा है न कुछ मेरा है 

तू ही रब है तू ही मेरा सब है 

तुझे मै अपनी जान बनानी लगी हूं  

जिंदगी में तुझको अपनी बनाने लगी हूं  


प्यार में तेरे कैसा ये असर है 

बनने लगी हूं संवारने लगी हूं  

प्यार में तेरे बनने लगी हूं  

बनने लगी हूं हा बनने लगी हूं ...


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