तेरी याद दिलसे जाती नही
तेरी याद दिलसे जाती नही
तेरी याद दिलसे जाती नहीं, क्या करूँ दिलसे मिटती नहीं !
तू शायद मुझको भूली नहीं, पर जिन्दगीने दूरी बनाईरखी !
फ़ासला है कदम दो कदम का, फिर क्यो दौड़ीआती नहींं !
मैं तो मिलना चाहता हूँ, पर मिलने का बहाना मिलता नहीं
तेरी याद दिला से जाती नहींं, क्या करूँ दिलसे मिटती नहीं
तू गई जबसे मेरी आँखों के सामने से अंधेरा ही अंधेरा है
ना रंगों की होली हैजीबन में, ना दिवाली जगमग रोशनी है
तेरी याद दिलसे जाती नहीं, क्या करूँ दिलसे मिटती नहीं..
गर सामनें तू आ जा, ख़ुदा कसम खुद को रोक न पाऊंगा
तू मेरे सामने ऐसा मंज़र होतो पता नहीं क्या कर जाऊंगा !
तेरी याद दिलसे जाती नहीं, क्या करूँ दिलसे मिटती नहीं..
ये भी अजीब दस्तूर दुनिया का मिलना चाहे तो न मिलाये,
जिसे देखना चाहे वो नजर से मानो जैसे दूर-दूर चला जाए
तेरी याद दिलासे जाती नहींं, क्या करूँ दिल से मिटती नहीं,
तू शायद मुझको भूली नहीं, पर जिंदगी ने दूरी बनाई रखी !

