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PRAVIN PATEL

Inspirational

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PRAVIN PATEL

Inspirational

इन्साफ करो

इन्साफ करो

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इन्साफ करो ओ ख़ुदा !जुल्म ही ज़ुल्म है तेरे संसार मे !

इन्साफ करो ओ ख़ुदा ! जुल्मी ही जुल्मी तेरे संसार मे !


न्याय अन्याय की बातें खाली किताबो में भरी भरी है,

देखूं इधर उधर तो अन्याय की काली गंगा बह रही है ! 


इन्साफ करो ओ ख़ुदा ! जुल्म ही जुल्म है तेरे संसार मे....


आज तेरी दुनिया में ग़रीब के न कोई करीब है गरीब 

का न कोई धर्म है,ना कोई मजहब है ना कोई रक्षक है !


इन्साफ करो ओ ख़ुदा ! जुल्म ही जुल्म है तेरे संसार में....


कानून तो कानून है, देखता ख़ुद की आँखों से तो भी

माँगता सबूत है !ये अंधो के देश मे ये अंधा क़ानून है !


इन्साफ करो ओ ख़ुदा !जुल्म ही जुल्म है तेरे संसार में.....


जँहा न मिले दो वक्त की रोटी और न दो गज का टुकड़ा

कान्तासुत उनसे उम्मीद भी क्या रखो मिले न्याय सच्चा !


इन्साफ करो ओ ख़ुदा ! जुल्म ही जुल्म है तेरे संसार में,

इंसाफ करो ओ ख़ुदा ! जुल्मी ही जुल्मी हैं तेरे संसार में !


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