STORYMIRROR

Preeti Sharma "ASEEM"

Abstract

4  

Preeti Sharma "ASEEM"

Abstract

तेरी तस्वीर

तेरी तस्वीर

1 min
360

मैं तब,

समझ नही पाया था।

आज हर लम्हें को,

तेरी तस्वीर तक ले आया हूँ।


जिंदगी बहुत लंबी है।

मैं भागता ही चला जाता था।

तेरे साथ सिर्फ, 

इतने ही दिन थे।


आज तेरी तस्वीर तक आ के, 

ठिठक जाता हूँ।

एक लंबा अरसा निकल चुका है।

मैं वक्त के साथ, बदल चुका हूँ।


पर सच यह है कि, 

मैं तो तेरी यादों की तस्वीर में, 

अपनी दुनिया बदल चुका हूँ।

जो तब न समझता था

आज जाने क्या -क्या समझ चुका हूँ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract