STORYMIRROR

कुमार संदीप

Romance

4  

कुमार संदीप

Romance

तेरी सलामती की दुआ

तेरी सलामती की दुआ

1 min
787

अपनी ज़िंदगी की हर ख़ुशी में

तुम्हें शामिल करनी की ठानी है

तेरे हिस्से के सभी गमों को

मैं दूर करने का हर

संभव प्रयास करूँगा


हाँ जान से भी ज्यादा चाहता हूं

रब से हर पल तेरी

सलामती की दुआ करता हूं

तेरे चेहरे पर सदैव मुस्कान रहे

हर पल रब से यही माँगता हूं।


कोई भी ऐसा पल नहीं है गुजरता

जिस पल मैं तुम्हें याद न करता हूं

मैंने अपना हर पल तुम्हें ही समर्पित की है

वक्त भी गवाह है इस बात की

कि मैंने किस हद तक तुम्हें चाहा है


ये हवाएं ये पल ये मौसम

ये प्राकृतिक नजारें

है गवाह इस बात की

कि मैंने अपना सर्वस्व समर्पित किया है

तेरी खुशी के लिए तुझे खुश रखने के लिए


तेरे हिस्से के हर गम को चुराना चाहता हूं

हाँ हर पल तेरी सलामती की दुआ

रब से माँगता हूं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance