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Anuradha Keshavamurthy

Inspirational

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Anuradha Keshavamurthy

Inspirational

तेरे मेरुता तो है ही अमित महान

तेरे मेरुता तो है ही अमित महान

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अगाध- अनंत भूमंडल की-

आभा हो तुम हे भारत माता।

तेरी अगम्य अमित चेतना की

कैसे बखान करूँ यशो-गाथा?


स्वतंत्रता की मशाल लिए,

अमर हुए तेरे अगणित संतान।

नर-नारी में फर्क बिन किए,

हुए सब अचेतन- अमित महान।


थल-जल अरु वायु सेना ने,

आज तुझे बे- दाग संभाली।

तेरी ये शूर- वीर संतति ने,

अब अमरत्व की भी ठान ली।


विवेकानन्द की विवेक संपदा का

हृदय पूर्वक बयान करूँ,

या विश्व मान्य योगा परंपरा की 

उपयोगिता का बखान करूँ।


बाह्याकाश के अनंत क्षितिज पर,

कलाम जी की है अमूल्य साधना,

प्रौद्योगिकी के नवोन्मेशण को भी

सद-सर्वदा है हमें मानना।


सारे विश्व नतमस्तक है,

तेरे विज्ञान – तंत्र ज्ञान की सुज्ञान से।

कृषि की बात तो है क्या कहना ?

बस, अन्न दाता सदा सुखी रहना।


युग -पुरुष प्रधान सेवक को पाकर,

धन्य हो हे माता तुम हर पल।

राम-राज्य की नींव डालकर,

मचाया है तुझ में नित हलचल।


आत्म -निर्भर बनेंगे हम सब,

होंगे आत्माभिमान का प्रतीक।

विदेशी वस्तुओं को सदैव नकार कर।

ऊँचा करेंगे नित तेरे मस्तक।


हो रही है सारे जग में प्रशंसा-

तेरी अगाध आन-बान-शान की।

बढ़ा है तुझ में आत्म-विश्वास,

समग्र विश्वाग्रणी बनने की।


अनेकता में एकता की भावना से,

अर्पित है तुझे ये सहज भावांजली।

तन रूपी पुष्प के कण कण से,

नित अविरत कृत पुष्पांजलि।

 

तेरी अगम्य अमित चेतना को,

समर्पित है ये श्रद्धा सुमन।

तेरे मेरुता तो है ही अमित महान,

बखान करूँ कैसे तेरे यशो-गान?

   


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