हिंदी भाषा हमारी शान है
हिंदी भाषा हमारी शान है
आते ही माह सितम्बर,
जाग जाते है भारत वासी।
जाग उठेगा सरकारी दफ्तर,
चलती है हिंदी की पूर्ण मासी।
प्रतियोगिता की बाड़ उमड़ेगी,
पुरस्कारों का बड़ा सैलाब।
कर्मियों के बीच होड़ लगेगी,
अब तक कहां थे सब जनाब?
विचार, निबंध, टिप्पण-आलेखन,
सब कुछ हिंदीमय मानो है सब विद्वान।
माह सितम्बर बीत जाए तब,
बन जाते सब हिंदी से अनजान।
हर दफ्तर का हाल यही है,
है न कोई इस का निदान।
अपनी भाषा अपना देश,
बनेगा कब दिल से महान?
एक माह, पखवाड़ा, या दिवस
बनकर सिमट ना दे इसे कभी।
है ये अपनी राजभाषा, राष्ट्र भाषा
संपर्क भाषा तो है ही सही।
माँ भारती की ललाट की है ये बिंदी,
भारत माँ की शान है राजभाषा हिंदी।
संपर्क सूत्र की कड़ी है हिंदी,
जन-जन की आशा की कली है हिंदी।