तेरे इश्क में
तेरे इश्क में
तेरे इश्क की छांव में आ जाऊँ क्या
तेरी चाहत में डूब कर जी जाऊँ क्या ?
क्या हसरत पल रही मन में तुझे पाने की
ये बताने का गुनाह भी कर जाऊँ क्या ?
बता कैसे करूं इश्क की ईबादत मैं
दर्द तेरे सब लेके मैं मर जाऊँ क्या ?
ऐसे रोज ख्वाबों में मिलना बिछड़ना टूट के
बिखरने से पहले सम्हल जाऊँ क्या ?
तेरा नाम लेके तुझ में ही डुबोऊं खुद को
तड़पूं तेरे लिये ओर मर जाऊँ क्या ?
तुझे पाने की जो भी हो कीमत
अपनी ही मौत का मंजर दिखाऊं क्या ?
'वकील' के दिल दिमाग में बसी तू ही
यकीन दिलाने दिल चीर कर बताऊं क्या ?