STORYMIRROR

Shikha Sanghvi

Romance

4  

Shikha Sanghvi

Romance

तेरे हर अंदाज़ पे

तेरे हर अंदाज़ पे

1 min
436

तेरे हर अंदाज़ पे हज़ारों शायरी लिख गई,

तेरे हर अंदाज़ से बेपनाह प्यार करती गई। 


तेरे जिस्म की खुशबु मेरी रूह में बस गई,

तेरे प्यार की छवि मेरे दिल में उतरती गई। 


तेरे हर एक दर्द को मुस्कान में ढालती गई,

तेरे रास्ते में आते हर कंटक मैं उठाती गई। 


तेरे दिल में अपने प्यार को ऐसे बसाती गई,

तेरे इश्क़ में सनम मैं खुद बर्बाद होती गई। 


तेरे हर अंदाज़ पे हज़ारों शायरी लिख गई,

तेरे हर चुमन से मैं रंगरूप से निखरती गई। 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance