चलता तो हूँ पर
चलता तो हूँ पर
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चलता तो हूँ पर असमंजस में हूँ,
दूर तक कोई रास्ता दिखता नहीं।
उम्मीद से मंज़िल की ओर जा रहा,
पर मेरे ख़्वाबों के पंख मिलता नहीं।
मानता हूँ ज़िंदगी धूप तो कभी छाँव है,
पर मुझसे ख़ुशियों का कोई वास्ता नहीं।