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SURYAKANT MAJALKAR

Romance

3  

SURYAKANT MAJALKAR

Romance

तेरा नशा

तेरा नशा

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छू लो होंठो से जो जाम, मजा आ जाये।

तेरा नशा मिल जाये, तो परवान चढ़ जाये ।


आज तो झूम लुँगा मस्त बहारों में

पीके गीत गुनगुनाउंगा तेरे हुस्न के।


तू जो साथ दे मेरा होश खो जाये।

तेरे साथ यारा, मौसम बदल जाये।


तेरी हर अदा पे हम मर जाये।

जाम का अंजाम मदहोश कहलाये।


सुना मैंने हुस्न जुनून भारी होता है।

क्यों इसमें जिंदगी डुबोता है।


मैं फिर भी आज नशामंद होना चाहता हूँ।

जिंदगी का ये पल जीना चाहता हूँ।


आजा तू दौड़कर मुझे नशामंद होने दे।

तेरे नजरों के जाल में नजरबंद होने दे।


आज खुद का न रहूँगा तो कोई गम नहीं।

हो जा बिंदास, बेफिक्र तू कर ले मजा।


तेरे हुस्न के जलवे बिखरें है चारो ओर।

आयी है बदरा, बरसे घटा घनघोर।


तेरे इंतजार में प्यासा बैठा हूँ कब से।

मजा किरकिरा न हो जाये, आ जाओ जल्दी से।


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