तेरा ऐहसास
तेरा ऐहसास
सावन भी तुम हो
पतझड़ भी तुम हो
सर्दी में गर्मी का
ऐहसास भी तुम हो।
छाया भी तुम हो
धूप भी तुम हो
बरसात में सर की
छतरी भी तुम हो।
मोहब्बत भी तुम हो
इंकार भी तुम हो
बेइंतहा प्यार का
इज़हार भी तुम हो।
पास भी तुम हो
आस भी तुम हो
साथ होने का
ख़्वाब भी तुम हो।
मंज़िल भी तुम हो
ठोकर भी तुम हो
राह में चलने का
सुकून भी तुम हो।