तेल
तेल
सुनो एक बात कहूं?
हां हां क्यों नहीं
आज ना मैं दीपावली के शुभ अवसर पर एक दीपक जलाई
तो मेरी एक कविता प्रकाशित हुई।
इसमें कौन सी बड़ी बात है।
कल ऐसा करना एक साथ दस दीपक जलाना
दस कविताएं एक साथ प्रकाशित होगी।
वो मायूस होती हुई इससे अच्छा तो
मैं अपनी किताब ही नहीं छपबा लूंगी।
तेल बहुत महंगी है
दो सौ रुपए लीटर।