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Bhunesh Chaurasia

Comedy

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Bhunesh Chaurasia

Comedy

पैरोडी गीत

पैरोडी गीत

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ऐसी लागी लगन लेखक हो गये मगन!

छोड़ कविता को चुटकुला गाने लगे....।

बीते कहानियों उपन्यासो का दौर..!

पाठकों अब सच लिखने में लगता डर।

लघुकथा लिख के भरास मिटाने लगे!

कौन पढ़ता है इन दिनों गद्य पद्य!

पाठक किताब आजकल पढ़ते नहीं।

बस मोबाइल पर शेर शायरी सुनने लगे।

लेखकों के भाव पाठकों से ज्यादा हुए!

किताब आलमारियों के शोभा बढ़ाने लगे।

ऐसी लागी लगन लेखक हो गये मगन...!

कविता लिख कर लेखक हुए पंकज उदास

पाठक पढ़ कर के करते हैं हास परिहास...!

ऐसी लागी लगन लेखक हो गये मगन.....!

अंतिम टेक उं उं उं आ आ आ......आ आ।

हु लल्ला ला हु लल्ला ला हु लल्ला ...आ।



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