ताल्लुकात
ताल्लुकात
बेशक मुमकिन नहीं होता
यकीनन मिल जाता
इश्क़ फिर भी
इश्क़ नहीं होता।
बग़ैर दिल्लगी किये
जो मिल जाए
उसकी फिर भी
कोई दरकार नहीं होता।
जरा सा दर्द ना मिला
ख़ास जख्म़ न पाए
बेवजह ताल्लुकात हो जाए तो
इश्क़ का मज़ा नहीं होता।
बेशक मुमकिन नहीं होता
यकीनन मिल जाता
इश्क़ फिर भी
इश्क़ नहीं होता।
बग़ैर दिल्लगी किये
जो मिल जाए
उसकी फिर भी
कोई दरकार नहीं होता।
जरा सा दर्द ना मिला
ख़ास जख्म़ न पाए
बेवजह ताल्लुकात हो जाए तो
इश्क़ का मज़ा नहीं होता।