तालीम और संस्कार
तालीम और संस्कार
अजब गजब के है ये के युवा लोग,
नौकरी धंधे के लिये तड़पते है रोज,
दुर्व्यसनों को कभी छोड़ सकते नहीं,
तालीम तो है मगर संस्कार नहीं।
बड़ी तकनीक जानते है ये सब लोग,
यांत्रिक साधन सामग्री बसाते है लोग,
कामचोरी की आदत भूलते ही नहीं,
तालीम तो है मगर संस्कार नहीं।
काम करते करते रुक जाते है लोग,
काम छोड़कर घूमते रहते है ये लोग,
आवारापन उसका दूर होता ही नहीं,
तालीम तो है मगर संस्कार नहीं।
कब सुधरेंगे आज के ये युवा लोग,
कब समझेंगे ये शिक्षित अनाड़ी लोग,
खुदा की कयामत भी कभी होती नहीं,
तालीम तो है मगर संस्कार नहीं।
