सवेरा
सवेरा
धरती के आंगन में,
प्रकृति का सुंदर रूप सवेरा...
चिड़ियों के गुंजन से...
सुनने को मिलता जो गीत सुनहरा!!
फूलों की क्यारी, नदियों का पानी, अंबर है नीला,पर्वत सजीला..
धरती के आंगन में प्रकृति का सुंदर रूप सवेरा..
सूरज की पहली किरण और खेतों की हरियाली साथ बहती है ठंडी हवा मतवाली...
आहा!! धरती के आंगन में प्रकृति का सुंदर रूप सवेरा ...धरती के आंगन में,
प्रकृति का सुंदर रूप सवेरा!!
हे मानव ! यदि सच में तुम अनुभव करते हो -प्रकृति का सुंदर रूप सवेरा ...
तो बचा कर रख लो इसे
सच में स्नेह दिया है काफी इसने ....
अब तुम भी अपना फर्ज निभा जाओ हरा भरा रखो सदा इसे और मन में बसा लो -
प्रकृति का सुंदर रूप सवेरा....