स्वातंत्र्य समर
स्वातंत्र्य समर
जब अंग्रेज़ ने किया अधिकार,
अंग्रेज़ों की मार,
भारतीयों का तिरस्कार,
आया रक्त में उबाल,
सबने थामी खड्ग और ढाल,
वीरों की पुकार,
भारत के प्रति प्यार,
पूरे देश ने भरी हुंकार,
किया वार पे वार।
विश्वयुद्ध पश्चात गमन,
यह थे अंग्रेज़ों के वचन।
पर किया वचन भंग, बज उठा आज़ादी का मृदंग।
पूरे देश में मचा शोर,
हुआ आज़ादी पे ज़ोर,
छोड़ ममता की छाया,
हर बच्चा लड़ने को आया,
शुरू अंग्रेज़ों का सफाया,
विश्वयुद्ध का माहौल फिर छाया।
ब्रिटैन की मदद की पुकार,
भारत का इनकार,
आजाद हिन्द फ़ौज तैयार,
दी युद्ध की ललकार,
और हुई ब्रिटिश की हार।
