शिक्षकों के प्रकार
शिक्षकों के प्रकार
शिक्षकों के हैं अनेक प्रकार,
यहां प्रस्तुत है उनका सार।
सर्वप्रथम वो जिनकी स्कूल में न कोई कमी है,
सब लोगों से उनकी हमेशा बहुत जमी है।
फिर आते हैं वो जो मित्र से कम नहीं,
पर उनकी डांट में भी न ज्यादा कुछ दम नहीं।
अब उनकी बारी जो बिलकुल विपरीत हैं,
छात्रों से दोस्ती उनकी नहीं रीत है।
कुछ होते हैं वो डांटना जिनकी कला है,
माना उनके दिल में हमारा ही भला है।
कुछ लोग मित्र और गुरु में बैठा लेते संतुलन हैं,
साथ तो हंसते हैं, पर डांट से फिर भी डरता मन है।
नहीं भूल सकते उन कोच को, खेले जिनके साथ हैं।
हमारी कामयाबी में, उनका भी बड़ा हाथ है।
और कैसे भूले उन प्रधानाचार्या को, जिनके कारण यह स्कूल खड़ा है।
हम सब यहाँ मिले हैं, इसमें उनका योगदान सबसे बड़ा है।
कुछ की ज़िन्दगी के सुने बहुत किस्से हैं,
और कुछ अपनी किताबों से एक बार नहीं खिसके हैं।
कुछ की क्लास में पेट पकड़कर हंसे हैं,
और कुछ की एक्स्ट्रा क्लासेज में भी फंसे हैं।
पर जो भी हो, गुरु हमारे बहुत खास हैं.
इस अंधेरी दुनिया में वो ज्ञान का प्रकाश हैं।
हम कच्ची मिट्टीयों को गढ़ना इनको खूब भाता है ।
शिक्षक हमारे और राष्ट्र के भविष्य निर्माता हैं ।
गुरु को कभी साधारण नहीं समझते हैं,
निर्माण और प्रलय इनकी गोद में खेलते हैं।
