स्वास्थ्य
स्वास्थ्य


गिर रहा आज स्वास्थ्य
नहीं दे रहा कोई ध्यान
उल्टे सीधे खाना खाते
खानपान का नहीं ज्ञान,
कभी सादा खाना होता
मिलते थे गबरू जवान
जिनका सीना देख देख
दुश्मन के निकले प्राण,
घी, दूध, दही खाते थे
होते थे घर में बलवान
हरियाणा की भूमि पर
मिलते थे सच्चे जवान,
खानपान बदल गया है
अब खाते फास्ट फूड
न जाने कब क्रोध में
बदल जाए झटसे मूड,
पान बीड़ी और हुक्का
और पीते खूब शराब
जवान हो चले हैं बूढ़े
जिंदगी हो रही खराब,
युवा
पीढ़ी और बच्चे
खाते पीते तेज मसाले
मरियल, खून नहीं तन
उन्हें अब कौन संभाले,
तेज भोजन नमक मिर्च
नहीं रही है अब ताकत
दौडऩे पर हांपने लगते
हो चली है उनकी दुर्गत,
लौट चले पुराने खाने पर
जो बुजुर्ग हमारे खाते थे
तंदुरुस्त रहता था जीवन
वो याद बहुत ही आते थे
वरना एक दिन ऐसा आए
जिंदगी बहुत घट जाएगी
समय की लहर बीत गई
तो लौट कर नहीं आएगी,
मां बाप और भाई बहन
देना होगा अब तो ध्यान
सादा खाना भारत का है
कहलाती देश की शान।