पत्थर और प्यार
पत्थर और प्यार
जो देखेगा,
हर शह में उसे
वह पत्थर में भी
पा जाएगा।
कितनी सुंदर ,
बना दी दुनिया जिसने,
तब कहां पत्थर
वो रह जाएगा।
तुझे बांटने वाले,
चाहे पत्थर का ही दिल,
क्यों ना रखते हो।
तुझसे प्यार,
तो करके देखें।
मोम तो क्या
फौलाद पिघलने
लगते हैं।
जिस को दे दी,
तूने आंखें
वह पत्थर देखकर
भी समझ जाएगा।
वरना पत्थरों के,
शहरों में,
दुनिया बहुत है बसती।
जो नहीं देखेगा,
पत्थर ही रह जाएगा।
