Sandeep pandey
Abstract
ज़ात पातसाना देखो,
भाई जो घर आए
तू ब मकबूल नहीं,
मशहूर होना ह
निज़ाम ( सिस्...
होली (सूफ़ी ग...
जाति
ज़र्द पत्ते
क़ासिद
चर्चा ना कर ....
अब आए हो...
दो राहें
फूल से अच्छे कांटे है,दामन थाम लेते हैं सबसे अच्छे मित्र खुद है, खुद थाम लेते हैं। फूल से अच्छे कांटे है,दामन थाम लेते हैं सबसे अच्छे मित्र खुद है, खुद थाम लेते...
मैं जल हूँ, मैं जीवन हूँ, मैं ही हर जीवों के कण - कण में हूँ। मैं जल हूँ, मैं जीवन हूँ, मैं ही हर जीवों के कण - कण में हूँ।
जब मन करता तब स्कूल के सामने जाते, वो आँखों के सामने आके चेहरे पर मुस्कान छोड़ जाते जब मन करता तब स्कूल के सामने जाते, वो आँखों के सामने आके चेहरे पर मुस्...
'सिंधवाल' को खबर नहीं दिमाग में लोभ मल ढोते। 'सिंधवाल' को खबर नहीं दिमाग में लोभ मल ढोते।
आंखे बंद कर घूम आता हूँ दूर दूर तक तुम्हारा पूरा देश। आंखे बंद कर घूम आता हूँ दूर दूर तक तुम्हारा पूरा देश।
याद आया कैसे उस बेदर्दी ने मेरी चाहत को इनकार किया ! याद आया कैसे उस बेदर्दी ने मेरी चाहत को इनकार किया !
हरी मखमली कालीन, चमके मोती ओस। पहली सुनहरी धूप, फैले कोसों कोस।। हरी मखमली कालीन, चमके मोती ओस। पहली सुनहरी धूप, फैले कोसों कोस।।
कहते हैं लोग तुम्हारे प्रति कृतज्ञता का भाव ही सबसे बड़ी पूजा है, कहते हैं लोग तुम्हारे प्रति कृतज्ञता का भाव ही सबसे बड़ी पूजा है,
धन, स्त्री, प्राप्त करने की मानवीय इच्छा ने उसे बंदी बना लिया, धन, स्त्री, प्राप्त करने की मानवीय इच्छा ने उसे बंदी बना लिया,
मेरे घर से एक सड़क दौड़ते हुए पहुँच गई चौराहे पर! मेरे घर से एक सड़क दौड़ते हुए पहुँच गई चौराहे पर!
हर सुबह ये खुलती आँखें निरंतर करती कुछ काम सूर्य देव को अर्पित करती जल छलकाती लिए हर सुबह ये खुलती आँखें निरंतर करती कुछ काम सूर्य देव को अर्पित करती ज...
एक ऐसा घर बनाया जाए जिसमें हो खुशियों का सवेरा वो हो हमारा ना तेरा ना मेरा! एक ऐसा घर बनाया जाए जिसमें हो खुशियों का सवेरा वो हो हमारा ना तेरा ना मेरा...
ए अजनबी तुम कौन हो जो मुझ को मुझ ही से मिलाते हो। ए अजनबी तुम कौन हो जो मुझ को मुझ ही से मिलाते हो।
आज दुखी तुम हो तो कल कोई और होगा लम्हों लम्हों में ही सारी उमर गुजर जाएगी आज दुखी तुम हो तो कल कोई और होगा लम्हों लम्हों में ही सारी उमर गुजर जाएगी
आज आजाद तो हो गए हैं हम, लेकिन मानसिकता पुरानी है ! आज आजाद तो हो गए हैं हम, लेकिन मानसिकता पुरानी है !
हां....कुछ ख्वाब हकीकत से कहीं ज़्यादा खूबसूरत होते हैं! हां....कुछ ख्वाब हकीकत से कहीं ज़्यादा खूबसूरत होते हैं!
बेफिक्र होकर चली हूं अब नई डगर पर, खुश होकर अकेले ही चली हूं मैं अपने नए सफ़र पर! बेफिक्र होकर चली हूं अब नई डगर पर, खुश होकर अकेले ही चली हूं मैं अपने नए सफ़र ...
उस हंसी के जैसा देखा चांद है! वो फ़लक पे आज निकला चाँद है! उस हंसी के जैसा देखा चांद है! वो फ़लक पे आज निकला चाँद है!
हे चक्र सुदर्शन धारी क्या तेरा दिव्य सुदर्शन जीर्ण हुआ हे चक्र सुदर्शन धारी क्या तेरा दिव्य सुदर्शन जीर्ण हुआ
हर इक रिश्तों से बढ़कर दोस्ती की डोर मज़बूत होती है! हर इक रिश्तों से बढ़कर दोस्ती की डोर मज़बूत होती है!