Sandeep pandey
Tragedy
अब दा क्या है,
जल गय है।
बहुत मेरे,
ऐसे दुश्दा क्या है।
दिया ख़गा था,
अब इतना ग़ु है।
तुझे मयस्सर सां होना,
अब मल है।
गए वो दोस्र हमदम थे,
अकेले महफ़िल जमाने
थ के ज़ाहिद
अब उनको घाव दिखा
निज़ाम ( सिस्...
होली (सूफ़ी ग...
जाति
ज़र्द पत्ते
क़ासिद
चर्चा ना कर ....
अब आए हो...
दो राहें
तुम्हे छोड़कर अब मुझको जाना पड़ेगा, बिगड़ने लगे हैं हालात अब जाना पड़ेगा। तुम्हे छोड़कर अब मुझको जाना पड़ेगा, बिगड़ने लगे हैं हालात अब जाना पड़ेगा।
मैं रास्ते के एक छोर पर खड़ी दूर एक बच्चे को निहारती। मैं रास्ते के एक छोर पर खड़ी दूर एक बच्चे को निहारती।
बहती हो हरेक रंग जिसके मुझे बयान करती कहानी। बहती हो हरेक रंग जिसके मुझे बयान करती कहानी।
स्त्री खड़ी सजी सँवरी सौम्य लगी,दिल मे उतरी। स्त्री खड़ी सजी सँवरी सौम्य लगी,दिल मे उतरी।
उतर गया नशा जादू का और रह गई मैं अकेली बिलखती। उतर गया नशा जादू का और रह गई मैं अकेली बिलखती।
जिसके पास नहीं है सिक्के उसके पास नहीं है रिश्ते । जिसके पास नहीं है सिक्के उसके पास नहीं है रिश्ते ।
जो गर्म रोटी के निवाले से भी चीख उठता था, वो आज खुद तवे पे हाथ जला रहा है ... जो गर्म रोटी के निवाले से भी चीख उठता था, वो आज खुद तवे पे हाथ जला रहा है ...
ये जो नए नेता रोज करते हमारा तिरस्कार ,चलो आओ सब करें इसका बहिष्कार। ये जो नए नेता रोज करते हमारा तिरस्कार ,चलो आओ सब करें इसका बहिष्कार।
अंधकार का किसी कोने में न कोई डेरा होगा। अंधकार का किसी कोने में न कोई डेरा होगा।
मुश्किल जीना करके हमारा, जीवन बनाते खुद का आसान हैं। मुश्किल जीना करके हमारा, जीवन बनाते खुद का आसान हैं।
चेहरों से उनके जो उतारे मुखौटे, वही क्यों कपटी की श्रेणी में रखे जाएं। चेहरों से उनके जो उतारे मुखौटे, वही क्यों कपटी की श्रेणी में रखे जाएं।
स्त्री ने पुरुष से ज्यादा ही हर जगह निभाया, पर हाय री स्त्री किस्मत एसी कि कुछ न उनके। स्त्री ने पुरुष से ज्यादा ही हर जगह निभाया, पर हाय री स्त्री किस्मत एसी कि कु...
ऐसे ही थे वो हमारे अंकल जी, पैसे का बड़ा घमंड हमेशा जी। ऐसे ही थे वो हमारे अंकल जी, पैसे का बड़ा घमंड हमेशा जी।
उस बात का में गम क्या करूं उस बात को याद मैं क्या करूं। उस बात का में गम क्या करूं उस बात को याद मैं क्या करूं।
कभी न लौटेंगे ये पल आओ जी ले ये पल। कभी न लौटेंगे ये पल आओ जी ले ये पल।
छोड़ कर इन्हें दूर हो गए शहर की चकाचौंध में गुम हो गए। छोड़ कर इन्हें दूर हो गए शहर की चकाचौंध में गुम हो गए।
होती उनकी ही कोई अपनी वे जानते ये सच फिर भी खरीदते जिस्म देते पैसा, लुटाते खूब पै होती उनकी ही कोई अपनी वे जानते ये सच फिर भी खरीदते जिस्म देते पैसा, ...
पैसे से सब कुछ खरीदा जा सकता है... अपनों का प्यार नहीं दे सकता है पैसा ... पैसे से सब कुछ खरीदा जा सकता है... अपनों का प्यार नहीं दे सकता है पैसा ...
नारी के हिस्से में गिनती के फूल व कांटे भरपूर होते हैं. नारी के हिस्से में गिनती के फूल व कांटे भरपूर होते हैं.
पड़ा था सड़क पर वह, भूख-प्यास से बेहाल, फटे मैले कपड़े पहने, पड़ा था सड़क पर वह, भूख-प्यास से बेहाल, फटे मैले कपड़े पहने,