अब आए हो...
अब आए हो...
अब दा क्या है,
जल गय है।
बहुत मेरे,
ऐसे दुश्दा क्या है।
दिया ख़गा था,
अब इतना ग़ु है।
तुझे मयस्सर सां होना,
अब मल है।
गए वो दोस्र हमदम थे,
अकेले महफ़िल जमाने
थ के ज़ाहिद
अब उनको घाव दिखा
अब दा क्या है,
जल गय है।
बहुत मेरे,
ऐसे दुश्दा क्या है।
दिया ख़गा था,
अब इतना ग़ु है।
तुझे मयस्सर सां होना,
अब मल है।
गए वो दोस्र हमदम थे,
अकेले महफ़िल जमाने
थ के ज़ाहिद
अब उनको घाव दिखा