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Sandeep pandey

Tragedy

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Sandeep pandey

Tragedy

चर्चा ना कर ...

चर्चा ना कर ...

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मैं ग़लत की तू ग़लत

तेरे फ़िराक़ में गुर्चा ना कर,

आजा दुबारा लौट के फ

हम सा ना 

मैं ग़लत की तू ग़लत...


मेरे निगाह-ए-शौक़ में यूँ तो कई चेहरे द


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