सर्द की रात में उसकी याद भी अलाव सी हो जाती है वो खयालों में आती है जुनूँ सी पिघल जाती है, उसकी ... सर्द की रात में उसकी याद भी अलाव सी हो जाती है वो खयालों में आती है जुनूँ सी ...
जी करे उसके नाम का, एक शहर बसा दूँ, वो कदम जहाँ रखे, मैं अपनी जाँ बिछा दूँ। जी करे उसके नाम का, एक शहर बसा दूँ, वो कदम जहाँ रखे, मैं अपनी जाँ बिछा दूँ।
दश्त-ओ-सहरा रेत पानी सब का है अपना वजूद शम्स हो माहताब हो सब का है अपना वजूद तू क़ैद में माज़ी की क्... दश्त-ओ-सहरा रेत पानी सब का है अपना वजूद शम्स हो माहताब हो सब का है अपना वजूद तू ...