Surya Barman

Abstract Fantasy Inspirational

4  

Surya Barman

Abstract Fantasy Inspirational

सूनी सी लगती है ये मधुशाला

सूनी सी लगती है ये मधुशाला

1 min
7



सावन में यूं बरसे हैं रिमझिम बारिश का मौसम हुआ आज यूं मतवाला सा ।

हरियाली से महक सी गई ये प्रकृति की सुंदर छवि है मधुशाला सा ।

सजनी साजन आज झूल रहे पी कर प्रेम का प्याला का ।

टप टप बूंदें महका रही है यौवन की धुन में फूल खिलते मधुशाला सा।

गीत मिलन के गूंज रहे है प्रेम रंग शब्दों ने डाला का ।

राह देखे प्रेम पीया का ये विरहन की रीत सदा बनी ये मधुशाला सा ।

बैरन विरह की चिंगारी में ये यौवन मारे एक उच्छाला सा ।

नींद नहीं वो आने देती है क्यों तेरी यादों की वो मधुशाला का ।

बिन साजन आज कैसे बुझे भी ये यौवन की यह कैसी हाला का ।

पीया बसे परदेश माही साथ सूनी सी लगती है ये मधुशाला सा ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract