Surya Barman

Abstract Fantasy Inspirational

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Surya Barman

Abstract Fantasy Inspirational

आधार

आधार

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झुकता निश्चित एक दिन, खोता है आधार ।

अहंकार ले डूबता, सबका सुख -संसार ।।


सबका सुख -संसार, अहं- वेदी पर चढ़ता ।

दिन -दूना हर बार, विनाशक होकर बढ़ता ।।


" राखी " करके नाश, वार मद का है रुकता ।

करता निज उद्धार, विनय धर जो है झुकता ।।



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