"सुनो भीम आवाज"
"सुनो भीम आवाज"
कैसी बनी विडम्बना, पूछ रहे वो जाति
होती नहीं तृप्ति उनकी, घटाते वही ख्याति
घटाते वही ख्याति, वर्ण व्यवस्था बनाई
तोड़ दिए वो लोग, बनी ऊंच नीच खाई
सुनो भीम आवाज, बात करो मित्रों जैसी
हटे संकीर्ण भाव, खत्म हो व्यवस्था कैसी।
