सुंदरम वर्मा
सुंदरम वर्मा
सच्चा पुत्र भूमि का जो, सुंदरम वर्मा नाम,
पर्यावरण बचाना, जिसका है प्रिय काम ।
राजस्थान जन्मभूमि, रेतीली है जहाँ भूमि,
खेती बड़ी चुनौती है, सुखाता है नीर घाम।
बड़ी साधना रचाई, सुकीर्ति भी संग पाई,
तकनीकी खोजी नई, सुंदरम धन्य नाम।
जल एक लीटर से, साल भर पौधा पाले,
धरा हरी होने लगी, धन्य सुंदरम धाम।।
स्नातक विज्ञान में वो, नौकरी को चाहा नहीं।
ड्राई लैंड फॉरेस्ट्री को, लिया सुंदरम हाथ।
किए शोध अनेकों हैं, सम्मान भी बहु पाए,
जलसंरक्षण विधि, सबने है रखी माथ।
बंजर जमीन को भी, हरा भरा कर दिया,
बना कृषि कर्म का वो, महा सम्मानित नाथ।
कृषि प्रधान भारत, सुंदरम मान किया,
उसे पद्मश्री देकर, सतत है कृषि साथ।।