सुन तो ज़रा
सुन तो ज़रा
सुन तो ज़रा,
आवाज़ मेरे दिल की।
जो कहना चाहे तुझे,
तड़पन मेरे मन की।
अभी जो गुज़रे हो,
हमारे करीब से,
खुशबू जो महकी है,
तुम्हारे बदन की।
हया की लाली,
साथ जो लिए हो,
बिखरा दो कुछ,
हमारे ऊपर भी।
मुस्कुरा के जो,
यूँ चल दिये हो,
क़ातिल अदा है,
तुम्हारी नज़र की।
देखो न तिरछी ,
नज़रों से हमको,
बच न सकेंगे,
कसम प्यार की।
आ जाओ बैठो,
पहलू में आके,
कर दो पूरी,
तमन्ना दिल की।
सुन तो ज़रा,
आवाज़ मेरे दिल की।

