सुबह का सूरज
सुबह का सूरज
सूरज की पहली किरण कह रही, हो गई दिन की शुरुआत,
समेट लो खुशियाँ आँचल में आज, मत करो कल की बात,
सुबह का सूरज एक नई प्रेरणा नई उम्मीद लेकर आता है,
हर सुबह जीवन की नई शुरुआत है हमें यह सिखलाता है,
सूर्य की किरणें नई ताज़गी नए सपनों की दस्तक होती है,
विश्वास जगाती है ये जीवन में जादू सा असर कर जाती है,
अँधेरे से घबराकर खुद को अँधेरों में खो देना जीवन नहीं,
क्योंकि अँधेरे के बाद एक दिन उजाला तो ज़रूर आता है,
चाँद जब आए सूरज अँधेरों में छुप जाता पर घबराता नहीं,
सुबह फिर एक नई उम्मीद के साथ वो चाँदनी बिखेरता है,
जीवन भी ऐसा ही है कभी अँधेरा तो कभी उजाला होता है,
सफल वही होता है जो हर परिस्थिति से कुछ सीख लेता है,
हार जीत तो जीवन का हिस्सा, कभी हार तो कभी जीत है,
हार से घबराना ना उसी से आगे बढ़ने की मिलती सीख है,
हार कर बैठ जाना नहीं जिंदगी तो आगे बढ़ने का नाम है,
सुबह का चमकता हुआ सूरज भी हमें देता यही पैगाम है,
अपनी प्रत्येक हार को एक चुनौती मानकर स्वीकार करना,
एक नई उम्मीद और जोश के साथ एक नया प्रयास करना,
हिम्मत से जो बढ़ता जाता आगे हौसला कभी ना हारता है,
वही सफलता का परचम लहराकर सूरज जैसा चमकता है।
