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Archana Pati

Inspirational

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Archana Pati

Inspirational

स्त्रियां

स्त्रियां

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कभी घर छोड़ कर जब शहर आया

तुम सबकी यादों ने मुझे जीना सिखाया

कभी मन आहत हुआ

तो मां का पुचकारना याद आया

कभी भूख लगी और खाना नहीं बन पाया

तो मां का ”बस एक और ”...

ऑफिस के लिए जल्दी आते आते 

डब्बा भूल जाने पर

सोहा का डब्बा हाथ में लिए 

गाड़ी तक आना याद आया

कोई नई चीज़ लाने पर

रानी बिटिया की खिल खिलाती

हँसी याद आने लगती,

वो दीदी का दुलारना

दादी का कहानियां सुनना...

सच कहें तो घर याद आने लगा

क्योंकि मकान को घर 

इस घर की स्त्रियों ने ही तो बनाया है,

धरती पर आप सभी का आगमन

शायद इस संसार के सबसे खूबसूरत

तोहफों में से एक है !!


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