सरमाया
सरमाया
कहकर रिश्ते बनाए नहीं जाते,
बन जाए अगर, निभाए नहीं जाते,
रिश्ते वह ही ज्यादा अटूट और
मजबूत होते हैं,
जो बिना कहे बन जाते हैं,
दिल से दिल तक एक बात
पहुँचती है,
एक दूसरे की खुशी, ग़म की
आवाज़ पहुँचती है
निगाहें हर जज्बात को बयां
करती हैं ,
रिश्तों में संवाद जरूरी है लेकिन,
जो अनकहे होते हैं वह पनपते हैं,
दिल की जमीन पर,
प्यार और समर्पण से सीचें जाते हैं
उनकी खूबसूरती और बढ़ती है,
वक्त के साथ साथ,
>वह अनकहे रिश्ते ,
आज भी मेरे इर्द गिर्द होते हैं,
जब मन टूटता है मेरा ,
घिर जाती हूं अपने ही मन के
अंधकार से,
तो उन अनकहे रिश्तों की
पनाह लेती हूं ,
जो खुद ही मेरे पास गोचर हो जाते हैं
अपनी मौजूदगी से ही मेरे मन को
चेतना देते हैं ,
जिंदगी को नया आयाम देते हैं,
भर देते हैं मुझ को फिर एक उम्मीद से ,
वह मेरे पंखों के साथ मुझे उड़ान देते हैं
कुछ रिश्ते बनाए भी हैं, बन भी गए यहां ,
पर यह अनकहे रिश्ते,
मेरे जीवन का सरमाया है।