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VIVEK ROUSHAN

Tragedy

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VIVEK ROUSHAN

Tragedy

सरकारी विद्यालय

सरकारी विद्यालय

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मैं अपने गाँव गया था वहाँ मुझे कुछ बच्चे मिले जो अपने एक हाथ में चमकता हुआ थाली-कटोरा और दूसरे हाथ में फटा कॉपी-किताब लिए सरकारी विद्यालय को जा रहे थे उन सभी को रोक कर मैंने पूछा- स्कूल जा रहे हो, सभी ने कहा हाँ स्कूल जा रहे हैं मैंने पूछा- मास्टरजी आते हैं सभी ने कहा हाँ आते हैं मैंने पूछा-मास्टरजी क्या पढ़ाते हैं ?सभी ने कहा खिचड़ी बनवाते हैं


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