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सपनो का भारत

सपनो का भारत

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कल ही तो सपने में ,मुझसे ,

मेरा भारत मिला।

विल्कुल वैसे आज भी,

जैसे गुलामी की जंजीरो में 

जकड़ा हुआ था कल।


भूख से छटपटाता ,

रोता बिलखता

चारो और महामारी फैली है


बेरोजगारी ,भूखमरी

आवास को

कितनी बार योजनाओ में

लक्ष्य बनाया गया

सपने में भारत को

बस यही दिखाया गया


किसानो का कर्जा माफ़


इस तरह भारत से होता 

इंसाफ

सबके लिए होगा आवास

तभी भारत का है

सम्भव विकास

राष्ट्रिय हित में कितनी

बाते ,होती थी

भारत माता आज

भी बिल्कुल 

उसी फटेहाल में 

जैसे पहले डर के मारे 

कोने में दुपक कर रोती थी


बेरोजगारी चरम पर

कोई निदान नही

भारत में सबसे ऊँची 

मूर्ति से पहचान नही

भारत को आज जरूरत 

है दाने दाने की

बात हो रही केवल

पुलाव पकाने की


आज भी भारत ही

ईमानदार है

लाचार असहाय है

इंसानियत भारत में ही

जिन्दा है

इण्डिया में तो

रिश्ते भी शर्मिन्दा है


लालकिले पर तिरंगे को 

आज भी भारत जब 

देखता है

अपनी भूख से तड़पता 

अपनी ,पेट की

पसलियों को

निहारता है

बड़े ही सद्भाव से 

आज भी बोल ही देता है

जय हिन्द जय भारत 


इंडिया में सब कुछ मिलता है

इंसान भी ,इंसानियत भी

इनके वादे भी ,रिश्ते नाते भी

इनके लिए समय मूल्यवान है

इंसान की क्या पहचान है

इंसान गले में टाई बांध लिया

सब कुछ त्याग दिया 

पैसो से बचपन की

परवरिश होती है

भूख से तड़पता बचपन 

यहाँ भी रोता है 

भारत माँ दूध अपना पिलाती है

ममता के आँचल में सुलाती है

इण्डिया में दूध बोतल से ,,,,,,

माँ आँचल अब मोबाईल में

दिखलाती है 

क्या बतलाऊ क्या क्या हो गया 

है इण्डिया में 

लेकिन आज भारत को

देख सपने में एकाएक 

नीद खुली 

देखा तो भारत वैसे ही था 

जैसे आजादी से पहले 


इण्डिया वाले आजादी 

का जश्न मनाते है 

भारत आज भी 

जमीन पर बैठ कर सुनता है

गूँगा बहरा ,अँधा ,बनकर

जश्न ख़त्म होते ही

टूट पड़ता है ,पागलो की

तरह ,रंगीन बैनरो को

लूटने में एक की 

मंशा होती है ,इसी से घर पर

छत ढकने की

दूसरे की होती है 

इसे बिछाकर ,सोने की

इण्डिया के लोग इन्ही 

बैनरो को कल

ही छपवा कर उच्चे 

पेड़ो दीवारो में लगवा दिए थे 

अपने अपने हुक्मरानो के

स्वागत में पुरे आसमान को

सजवा दिए थे ,सभी नकली चेहरे ,वादे के साथ 

इनमे हाथ जोड़े दिखे 

लेकिन हकीकत में देखा तो

काले शीशे के अंदर 

बैठे इनका चेहरा भी 

बड़ी मशक्कत के बाद भी

नही देख पाया भारत ने

भारत पर आज भी 

राज है ,कल भी था ,आने 

वाले समय में भी रहेगा

और भारत ऐसे ही 

भूखा प्यासा जीता

मरता रहेगा ,सुनता रहेगा,

विजयी बिश्व तिरंगा प्यारा 

झण्डा ऊँचा रहे हमारा।

  


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