सपने...
सपने...
'आदि' और 'ओम्' से जुड़े
'सावदेकर' परिवार के सपने...
कई वर्षों की
प्रतीक्षा के पश्चात
जुड़वे पुत्र-संतानों की प्राप्ति
परिणय-सूत्र में बंधे
किसी भी 'युगल' के लिए
अनंत हर्षानुभूति का
अभिनव स्रोत बनकर
परिवार में समृद्धि का
सशक्त माध्यम बन जाता है!
डिब्रूगढ़, असम के
"विवेकानंद केन्द्र विद्यालय" परिसर में अवस्थित
श्री रविन्द्रनाथ सावदेकर जी
अपने जुड़वे पुत्र-संतानों को
सादगीपूर्ण, अनुशासित एवं
आध्यात्मिक ध्यान-धारणाओं से
परिपूर्ण
राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखने की
सच्ची शिक्षा देने में
स्वयं को गर्वित महसूस करते हैं...!!
'आदि' और 'ओम्' --
अपने माता-पिता से
सच्ची श्रद्धा रखते हैं...
वे दोनों अपने गुरुजनों की
सच्चे मन से
सम्मान करते हैं
एवं सबके सहित
शिष्टाचार से परिपूर्ण
व्यवहार करते हैं...
सुबह नींद से
जागने के पश्चात ही
उनके जीवन को
एक नई दिशा
मिलती है...
वे दोनों
अपना नित्य कर्म कर
पाठ्यपुस्तकों की 'चर्चा'
व अध्ययन कर
समय से अपने
विद्यालय में
उपस्थित होकर
नियमानुसार
अपना अध्ययन करते हैं...
उनकी कला में 'रुचि'
उन्हें एक सशक्तिकरण देने का
काम करती है!
कुछ नया सीखने का
उनका 'आग्रह'
उनसे परिचित
सभी लोगों के हृदय में
उनके प्रति
सकारात्मक प्रभाव
डालने में सफल होता है।
निस्संदेह उनके 'सपने'
उन्हें एक दिन
अपनी मंज़िल तक
सफलतापूर्वक पहुंचाने का
काम करेगी...!!!
